
Waqf Amendment Bill 2025 / Waqf Act changes
Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 हुआ पारित राज्यसभा में मंजूरी मिली: संशोधनों, निहितार्थों के बारे में आपको जो कुछ भी जानना चाहिए, वक्फ संशोधन विधेयक 2025, वक्फ बोर्ड के गैर-मुस्लिम सदस्य, वक्फ कानून संशोधन, वक्फ संपत्ति विवाद, वक्फ विधेयक अपडेट
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 क्या है?
Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 हुआ पारित जिसका उद्देश्य भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है। 3 अप्रैल, 2025 को, राज्यसभा ने कुल 128 मतों के साथ विधेयक को मंजूरी दी, जबकि इसके विरोध में 95 मत पड़े।. लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे.
वक्फ अधिनियम 2025 में क्या बदलाव हुए हैं?
- डिजिटल मैपिंग और पारदर्शिता
अब वक्फ बोर्ड को अपनी सभी संपत्तियों का डिजिटल रूप से मानचित्रण करना होगा और सार्वजनिक पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
2. निजी संपत्तियों की सुरक्षा
अब कानूनी साक्ष्य के अभाव में किसी भी संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।
3. विवाद समाधान प्रणाली में सुधार
वक्फ विवादों के निपटारे में विशेष न्यायाधिकरणों को अतिरिक्त अधिकार दिए गए हैं।
- राज्य सरकार द्वारा निगरानी
राज्य सरकारें अब वक्फ बोर्ड के संचालन पर सक्रिय निगरानी रख सकेंगी।
5. वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों का होना अनिवार्य
प्रत्येक राज्य के वक्फ बोर्ड में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे, ताकि निर्णय लेने में न्याय और समावेशिता बनी रहे।
- अब मुस्लिम महिलाओं को वक्फ से जुड़े मामलों में हाईकोर्ट तक पहुंच मिलेगी
अब मुस्लिम महिलाएं वक्फ से जुड़े कानूनी मुद्दों में हाईकोर्ट में ही याचिका पेश करने की हकदार हैं। यह मुस्लिम समाज में न्याय के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
7. गैर-मुस्लिमों द्वारा संपत्ति का दान: निर्दिष्ट शर्तें
कोई भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ के लिए दान कर सकता है, बशर्ते कि उसने इस्लाम धर्म अपना लिया हो और कम से कम 5 साल तक मुस्लिम धर्म का पालन कर रहा हो
इसका विरोध क्यों किया जा रहा है?
विरोधियों और अधिकांश मुस्लिम समूहों का कहना है:
यह वक्फ की धार्मिक स्वायत्तता का अतिक्रमण करता है। बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की भागीदारी धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर कर सकती है। सरकार का रुख खुलेपन और समावेशिता के लिए इन संशोधनों की आवश्यकता है। सभी प्रावधान भारत के संवैधानिक मूल्यों के अनुसार है